मौसम की बहार अच्छी हो; फूलों की कलियाँ कच्ची हों; हमारे ये रिश्ते सच्चे हों; ऐ रब तेरे से बस एक दुआ है; कि मेरे यार की हर सुबह अच्छी हो। सुप्रभात!
उजाला काफी हो चुका है; उस शमा को बुझा दो; एक हसीं सुबह राह देख रही है आपकी; बस पलकों को हलके से उठा दो। सुप्रभात!
सुबह-सुबह एक पैगाम देना है; आपको सुबह का पहला सलाम देना है; गुज़रे सारा दिन आपका ख़ुशी में; आपकी सुबह को खूबसूरत सा नाम देना है। सुप्रभात!
नई सुबह इतनी सुहानी हो जाए; आपके दुखों की सारी बातें पुरानी हो जाएं; दे जाए इतनी खुशियां ये दिन आपको; कि ख़ुशी भी आपकी मुस्कुराहट की दीवानी हो जाएं। सुप्रभात!
हर सुबह तेरी मुस्कुराती रहे; हर शाम तेरी गुनगुनाती रहे; मेरी दुआ हैं की तू जिस भी मिलें; हर मिलने वाले को तेरी याद सताती रहे। सुप्रभात!
सुबह शाम तेरी चाहत करूँ; तुझसे ना कभी कोई शिकायत करूँ; तेरे हसीं लबों पे यूं ही मुस्कान बरक़रार रहे सदा; मुझमे समाये रहो मेरी धड़कन बनकर; चाहकर भी तुझको खुद से जुदा ना करूँ। सुप्रभात!
अज़ीज़ भी वो हैं, नसीब भी वो हैं; दुनिया की भीड़ में करीब भी वो हैं; उनके आशीर्वाद से हैं चलती ज़िंदगी; खुदा भी वो हैं और तकदीर भी वो हैं। सुप्रभात!
इस प्यारी सी सुबह में, प्यारे से मौसम में; प्यारी सी कोयल की आवाज, प्यारी सी हवाओं में; सबसे प्यारे इंसान और सबसे प्यारे दोस्त को प्यारी सी सुप्रभात। सुप्रभात!
सुबह-सुबह जब कोई पैगाम आता है; दिल कहता है कोई तुझे भी याद करता है; पढ़ के मैसेज चेहरा गुलाब की तरह खिल जाता है; यही होता है जब कोई अपना आपको दिल से याद करता है। सुप्रभात!
सुहानी सुबह में सूरज का साथ हो; गुन-गुनाते पंछियों की आवाज हो; हाथ में चाय का प्याला हो; और मन में एक दूसरे की याद हो; ऐसी ही हमारी और तुम्हारी सुप्रभात हो। सुप्रभात!
जब भी आप दिल से मुस्कुरायोगे; मुस्कुराहट में मेरी सूरत पाओगे; हम ना छोड़ेंगे साथ कभी आपका; जिस तरफ देखोगे, हम को ही पाओगे। सुप्रभात!