आसमान में सूरज निकल आया है; फ़िज़ाओं में एक नया रंग छाया है; ज़रा मुस्कुरा दो, न यूँ खामोश रहो; आपकी मुस्कान को देखने ही तो, यह हसीन सवेरा आया है। सुप्रभात!
तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाये; तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाये; खुदा खुशियों से इतना खुश कर दे आपको; कि आपको खुश देखना हमारी आदत बन जाये। सुप्रभात!
जैसे सूरज के बिना सुबह नहीं होती; चाँद के बिना रात नहीं होती; बादल के बिना बरसात नहीं होती; वैसे ही आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती। सुप्रभात!
कायनात के सारे रंग; रंगों के सारे फूल; फूलों की सारी खुशबू; खुशबू की सारी ख़ुशी; ख़ुशी के हर लम्हें; और इन लम्हों से भरपूर ज़िंदगी की दुआ सिर्फ आप के नाम। सुप्रभात!
रात की तन्हाई में तो हर कोई याद कर लेता है ए दोस्त; सुबह उठते ही जो याद आये दोस्ती उसे कहते हैं। सुप्रभात!
हर सुबह की धूप कुछ याद दिलाती है; हर फूल की खुशबू एक जादू जगाती है; तुम मानो न मानो पैर यह सच है मेरे यार; सुबह होते ही तुम्हारी याद आ जाती है। सुप्रभात!
नयी-नयी सुबह, नया-नया सवेरा; सूरज की किरणों में हवाओं का बसेरा; खुले आसमान में सूरज का सवेरा; मुबारक़ हो आपको ये हसीं सवेरा।
हर फूल आपको अरमान दे; हर सुबह आपको सलाम दे; अगर आपका एक आँसू भी निकले, तो खुदा आपको उससे दोगुनी मुस्कान दे। सुप्रभात।
बहार आती है आपके गुन गुनाने से; फूल खिलते हैं आपके मुस्कुराने से; अब जाग भी जाओ, मेरे प्यारे दोस्त; क्योंकि हर सुबह होती है आपके चह-चहाने से। सुप्रभात!
सूरज तू उनको मेरा पैगाम देना; ख़ुशी का दिन और हंसी की सुबह देना; जब वो देखें तुझे बाहर आकर; तो उनको मेरा सुप्रभात कहना।
हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में; वो खोई हुई सी एक पहचान हूँ मैं; ना आँखों में ख्वाब है ना दिल में तमन्ना कोई; अपनी बनाई हुई राहों से ही अनजान हूँ मैं। सुप्रभात!