आप हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं; यह दिल से कहते हैं हम; इसलिए आपको रोज़ याद करते हैं हम; बाकी कुछ कहें या ना कहें रात को शुभ रात्रि आपको कहते हैं हम। शुभ रात्रि!
देखो खिड़की से चाँद भी तुम्हें देख रहा हैं; सितारे भी रुके हुए इंतज़ार में; चलो अब मुस्कुरा दो हम सब के लिए; क्योंकि हम सभी तो खड़े हैं इसी इंतज़ार में। शुभ रात्रि!
देखा फिर रात आ गयी; शुभ रात्रि कहने की बात याद आ गयी; हम बैठे थे सितारों की पनाह में; चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी। शुभ रात्रि!
चाँद को भेजा है पहरेदार; तारों को सौंपा है निगरानी का काम; रात ने जारी किया है ये फुरमान; कि सारे मीठे सपने हों आपके नाम। शुभ रात्रि!
देखो फिर ये हसीं रात आ गयी; कहनी थी आपसे जो बात वो याद आ गयी; हम बैठे थे इन सितारों की पनाह में; जब चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी। शुभ रात्रि!
इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए; कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गए; आँख खुली अँधेरा था, देखा एक सपना था; आँख बंद की और उन्हीं सपनों में फिर खो गए। शुभ रात्रि!
ये रात चाँदनी बनकर आप के आँगन में आये; ये तारे सारे लोरी गा कर आप को सुलायें; हो इतने प्यारे सपने आपके; कि नींद में भी आप मुस्कुराएं। शुभ रात्रि!
रात आती है सितारे लेकर; नींद आती है सपने लेकर; हमारी दुआ है कि सुबह आये; आपके लिए खुशियां लेकर। शुभ रात्रि!
दूर आसमान में चाँद शर्माया है; फ़िज़ाओं में भी चाँदनी का रंग छाया है; खामोश न रहो अब तो मुस्कुरा दो; आपकी मुस्कान देखने ये रात का समय आया है। शुभ रात्रि!
बड़े अरमानो से इसे बनवाया है; रौशनी से इसे सजाया है; ज़रा बाहर आ कर तो देखो; खुद चाँद तुम्हें शुभ रात्रि कहने आया है। शुभ रात्रि!
आप जो हँसो तो दुनिया हँस जाये; आपकी हँसी इस दिल में बस जाये; होगी मुलाक़ात कल फिर आपसे; यही सोच कर दिल में मेरे खुशियों का रस घुल जाये। शुभ रात्रि!
दुआ है कि आप की रात की अच्छी शुरुआत हो; प्यार भरे मीठे सपनो की बरसात हो; जिनको ढूंढ़ती रहीं दिन-भर आपकी आँखें; रब्ब कर सपनों में उनसे मुलाक़ात हो। शुभ रात्रि!