देखो खिड़की से चाँद भी तुम्हें देख रहा हैं

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देखो खिड़की से चाँद भी तुम्हें देख रहा हैं;
सितारे भी रुके हुए इंतज़ार में;
चलो अब मुस्कुरा दो हम सब के लिए;
क्योंकि हम सभी तो खड़े हैं इसी इंतज़ार में।
शुभ रात्रि!

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