हो चुकी है रात बहुत अब सो जाइए; जो है दिल के करीब उसके ख्यालों में खो जाइए; कर रहा होगा कोई इंतज़ार आपका; हकीकत में ना सही ख्वाबों में तो मिल आईये। शुभ रात्रि!
रात आती है सितारे लेकर; नींद आती है सपने लेकर; दुआ है आप के लिए आये ये रात; ज़िंदगी की सारी खुशियां लेकर। शुभ रात्रि!
पास आपके दुनिया का हर सितारा हो; दूर आपसे गम का हर किनारा हो; आँखे बंद कर जब सोने लगो आप; तो बंद आँखों में भी सामने आपके हसीन नज़ारा हो। शुभ रात्रि!
जब शाम के बाद आ जाती है रात; हर बात में फिर समा जाती है तेरी याद; बहुत तनहा हो जाती ये जिंदगी मेरी; अगर नहीं मिलता कभी जो आपका साथ। शुभ रात्रि!
लगता है ऐसा कि कुछ होने वाला है; कोई मीठे सपनो में खोने वाला है; धीमी कर दे अपनी रौशनी ऐ चाँद; मेरा दोस्त अब सोने वाला है। शुभ रात्रि!
खुद में हम कुछ इस तरह खो जाते हैं; बीती हुई यादों को लेकर रोये जाते हैं; नींद तो आती नहीं है अब रातों में; मगर देख सकें तुमको ख्वाबों में इसलिए सो जाते हैं। शुभ रात्रि!
ये दुआ है तेरी ज़िंदगी संवर जाये; हर नज़र मैं बस प्यार नज़र आये; तुझे जिस ख़ुशी की तलाश है; खुदा करे वो ख़ुशी खुद तेरी तलाश में चली आये। शुभ रात्रि!
खुशियां करीब हों, जन्नत नसीब हो; आप चाहें जिसे वो सदा आपके करीब हो; कुछ इस तरह हो कर्म खुदा का आप पर; कि ये चाँद तारे भी आपको नसीब हों। शुभ रात्रि!
आसमान का चाँद तेरी बाहों में हो; तू जो चाहे तेरी आँखों में हो; हर वो ख्वाब हो पूरा जो तेरी आँखों में हो; खुश किस्मती की हर लकीर तेरे हाथों में हो। शुभ रात्रि!
चाँद को बिठा कर पहरे पर तारों को दिया निगरानी का काम; एक रात सुहानी आपके लिए, एक प्यारा सा सपना आपकी आँखों के नाम। शुभ रात्रि!
तनहा जब दिल होगा आपको आवाज़ दिया करेंगे; रात में सितारों से आपका ज़िक्र किया करेंगे; आप आये ना आये हमारे ख्वाबों में; हम बस आपका इंतज़ार किया करेंगे। शुभ रात्रि!
खुद में हम कुछ इस तरह खो जाते हैं; सोचते हैं आपको तो आपके ही हो जाते हैं; नींद नहीं आती है रातों में पर; आपको ख्वाबों में देखने के लिए सो जाते हैं। शुभ रात्रि!