"ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए" ये गाना गर्मियों में अच्छा लगता है। सर्दियों में इस पर बैन लगा देना चाहिए।
आखिर वो समय आ ही गया जब हम सुबह उठकर ज़िन्दगी का सबसे मुश्किल फैंसला करते हैं कि... आज नहाना चाहिए या नहीं।
जीवन में एक बात याद रखना कि आँसू पोंछने वाले हज़ारों मिलेंगे पर... नाक पोंछने कोई नहीं आता, ठंड आ गई है। अपना ध्यान रखना।
पहले फॉग चल रहा था, अब लू चल रही है। दोनों साथ-साथ क्यों नहीं चलते? लगता है यह दोनों भी पति-पत्नी हैं।
हे सूर्यदेव, अब हम लोगों ने गलती मान ली कि देश में फॉग नहीं सिर्फ आप का ही जलवा है। अब गुस्सा थूक दो यार और अपना पारा थोड़ा नीचे कर लो।