हर जगह राजनीति चल रही है। आलम यह है कि अब तो ठंड और बारिश ने भी गठबंधन करके सरकार बना ली है। बेचारी गर्मी अल्पमत में हो गई।
Pk के अंदाज़ में मौसम का हाल: मौसम एक दम लूल होई गवा है। बोले तो... ससुरा कभी गरमी लगत है, तो कभी ठण्डा... काउनो फिरकी ले रहा है, हम लोगन का। ई wrong नंबर है... ई गोला पर मौसम का काउनो भरोसा ही नाहीं... एक तो ठण्डा, ऊपर से ई ससुरा बारिश। हम तो कनफुजिया गया हूँ... कि साला स्वेटर पहनू या रेन कोट।
उसने मुझसे पूछा: तुम मेरे लिये क्या कर सकते हो? और इतनी ठंड मे मैने एक मिनट के लिये अपने उपर से रजाई हटा दी।
गर्मियों में ठंडी हवा के लिये माँगी हुई दुआ अब सर्दियों में कबूल होते हुए देखकर यकीन हो गया है कि... . . . . . . . ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नही।
क्या किसी के पास उधार स्वरूप् थोड़ी धूप सप्लाई करने की व्य्वस्था है? मई जून तक दोगुने भाव से लौटा दूंगा।
एक जरूरी सूचना: अत्याधिक ठंड की स्थिति में सुप्रभात या गुडमार्निंग के संदेश दोपहर 3:00 बजे तक स्वीकार किये जायेंगे। साथ ही शुभ रात्रि के संदेश 8:00 बजे से मान्य किये जायेंगे।
इस ठण्ड में ग़ालिब का नया शेर: खुद को कर बुलंद इतना कि, हर सुबह घूमने निकले; वहाँ खुदा खुद आकर पूछे, बता तेरी रजाई कहाँ है?