ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथौड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता।
सपने और लक्ष्य में एक होता है; सपने के लिए बिना मेहनत नींद चाहिए और लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत।
जियो इतना कि ज़िंदगी कम पड़ जाये; हँसों इतना कि रोना मुश्किल हो जाये; ज़िन्दगी में कुछ पाना तो किस्मत की बात है; मगर उसे चाहो इतना कि भगवान देने को मज़बूर हो जाये।
नींद नहीं बदलती बस सपने बस सपने बदल जाते हैं; मंज़िलें नहीं बदलती बस रास्ते बदल जाते हैं; जगा लो जज़्बा जीतने का दिल में; क्योंकि कोशिश करने से तो वक़्त बदल जाते हैं।
कल का दिन किसने देखा है; आज की दिन भी खोयें क्यों; जिन घड़ियों में हँस सकते हैं; उन घड़ियों में फिर रोये क्यों।
दीपक तो अँधेरे में ही जला करते हैं; फूल तो काँटो में ही खिला करते हैं; थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर; हीरे तो अक्सर कोयले में ही मिला करते हैं।
नदी जब किनारा छोड़ देती है; राह की चट्टानों को भी तोड़ देती है; बात छोटी सी भी अगर चुभ जाये दिल में; तो ज़िंदगी के रास्ते और दिशा बदल देती है।
हर जलते दीपक तले अँधेरा होता है; हर रात के बाद सवेरा होता है; लोग डर जाते हैं मुसीबतों को देखकर; पर मुसीबतों के बाद ही तो कामयाबी का सवेरा होता है।
मांगो तो अपने रब से मांगो; जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत; लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना; क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी।
मेरी मंज़िल मेरे करीब है; इसका मुझे एहसास है; गुमान नहीं मुझे इरादों प अपने; ये मेरी सोच और हौंसलों का विश्वास है।
हर कामयाबी पे आपका नाम होगा; आपके हर कदम पे दुनिया का सलाम होगा; मुश्किलों का सामना हिम्मत से करना; तो देखना एक दिन वक़्त भी आपका ग़ुलाम होगा।
यह ज़माना क्या सता सकेगा हमको; इसको हम सताकर दिखलायेंगे; यह ज़माना क्या झुका सकेगा हमको; इसको हम झुका कर दिखलायेंगे।