गुज़री हुई ज़िंदगी को कभी याद ना कर; तक़दीर में जो लिखा है उस की फरियाद ना कर; जो होना है वो हो कर ही रहेगा; फ़िक्र में तू अपनी हँसी बर्बाद ना कर
कामयाबी के भी कुछ असूल होते हैं; बुझदिलों के नखरे तो फ़िज़ूल होते हैं; रखते नहीं जो पाबंध खुद को वक़्त के साथ; वो ज़िन्दगी की दौड़ में राख और धूल होते हैं।
ज़िंदगी हसीन है इससे प्यार करो; हर रात की नयी सुबह का इंतज़ार करो; वो पल भी आयेगा जिसका है इंतज़ार तुम्हें; बस अपने रब पर भरोसा और वक़्त पर ऐतबार करो।
ज़िंदगी जब भी रुलाये तो; इतना मुस्कुराओ कि दर्द भी शर्माने लगे; निकले ना आंसू आँखों से कभी; किस्मत भी मज़बूर होकर आपको हँसाने लगे।
हालात के कदमों पर सिकंदर नहीं झुकता; टूटे भी तर तो ज़मीन पर नहीं गिरता; गिरती है बड़े शौंक से समंदर में नदियां; कभी किसी नदी में समंदर नहीं गिरता।
गुज़री हुई ज़िंदगी को कभी याद ना कर; तक़दीर में जो लिखा है उसकी फरियाद ना कर; जो होना है वो होकर ही रहेगा; तू कल की फ़िक्र में अपनी आज की ख़ुशी बर्बाद ना कर।
कोशिशों के बाद भी अगर हो जाती है कभी हार; होकर निराश मत बैठना, मन को अपने मार; बढ़ते रहना आगे सदा हो जैसा भी ये मौसम; पा लेती है मंज़िल चींटी भी गिर-गिर कर हर बार।
ज़िंदगी बड़ी अजीब होती है; कभी हार तो कभी जीत होती है; तमन्ना रखो समंदर की गहराई को छूने की; किनारों पर तो सिर्फ शुरुआत होती है।
जमीं से जुड़कर आसमां की बात करो; ख्वाब नहीं हक़ीक़त से मुलाक़ात करो; तूफ़ान से डरते हैं बुझदिल यारो; शेर-दिल बन कर मुसीबत से दो-दो हाथ करो।
छाता बारिश को तो नहीं रोक सकता पर बारिश में खड़े रहने का हौंसला ज़रूर देता है; इसी तरह आत्मविश्वास सफलता की गारंटी तो नहीं देता पर सफलता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरणा अवश्य देता है।
खोकर पाने का मज़ा ही कुछ और है; रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है; हार तो ज़िंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त; हारने के बाद जीतने का मज़ा ही कुछ और है।
हो कर मायूस न यूँ शाम से ढलते रहिये; ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये; एक ही पाँव पर ठहरोगे तो थक जाओगे; धीरे-धीरे ही सही राह पर चलते रहिये।