क्यों डरें कि ज़िंदगी में क्या होगा; हर वक़्त क्यों सोचें कि बुरा होगा; बढ़ते रहें मंज़िलों की ओर हम; कुछ ना मिला तो क्या हुआ, तज़ुर्बा तो नया होगा।
मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं; फिर भी लोग अपने इरादे तोड़ देते हैं; अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की; तो रास्ते के पत्थर भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।
खुशियां मिल ही जाएँगी एक दिन रोते-रोते ही सही; कमज़ोर दिल के हैं वो लोग जो हँसने की सोचते ही नहीं; पूरे होंगे हर वो ख्वाब जो देखे हैं अँधेरी रातों में; ना समझ हैं वो जो डर से पूरी रात सोते ही नहीं।
नदी की धार के विपरीत जा कर देखिये; ज़िंदगी को कभी आज़मा कर तो देखिये; आँधियाँ खुद ब खुद मोड़ लेंगी अपना रास्ता; आँधियों में कभी दीपक जलाकर तो देखिये।
असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो; क्या कमी रह गयी है, उसे देखो और सुधार करो; जब तक न हो सफल, नींद-चैन को तुम त्याग दो; संघर्ष करो आखिरी दम तक यूँ न मैदान छोड़ कर तुम भाग जाओ।
जीवन मैं एक बार जो फैसला कर लो, तो बस आगे ही बढ़ते रहना; कभी फिर पीछे मुड़कर मत देखना; क्योंकि पलट कर देखने वाले इतिहास नहीं बनाते।
इंसान ने वक़्त से पूछा, "मै हार क्यों जाता हूँ?" वक़्त ने कहा, "धूप हो या छाँव हो, काली रात हो या बरसात हो; चाहे कितने भी बुरे हालात हो, मै हर वक़्त चलता रहता हूँ, इसीलिये मैं जीत जाता हूँ, तू भी मेरे साथ चल तो कभी नहीं हारेगा।
आज बादलों ने फिर साज़िश की; जहाँ मेरा था घर वहीँ बारिश की; अगर फलक को ज़िद्द है बिजलियाँ गिराने की; तो हमें भी ज़िद्द है वहीं आशियाना बनाने की।
जब टूटने लगे हौंसले तो बस यही याद रखना; बिना मेहनत के कोई तख्तो-ताज हासिल नहीं होते; ढूंढ लेना अंधेरों में मंज़िल अपनी; क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते।
जीवन सौंदर्य से भरपूर है, इसे देखें, महसूस करें, इसे पूरी तरह से जियें और अपने सपनों की पूर्ति के लिए पूरी तरह से कोशिश करें।
उमीदों को तू न तोडना, न हौंसले तू अब छोड़ना; जब हो राह कठिन और रात घनी; चाहे जो हो तो न रुकना, मंज़िल से तुम मुंह न मोड़ना।
उमीदों की कश्ती को डुबोया नहीं करते; मंज़िल दूर हो तो थक कर रोया नहीं करते; रखते हैं जो दिल में उमीद कुछ पाने की; वो लोग ज़िंदगी में कुछ खोया नहीं करते।