घर के दरवाज़े पर घोड़े की नाल लगाने से सफलता नहीं मिलती! सफलता के लिए खुद के दोनों पैरों में घोड़े की नाल लगानी पड़ती है!
समझदार वह व्यक्ति नहीं जो ईंट का जवाब पत्थर से दे। समझदार वह है जो फेंकी हुई ईंट से अपना आशियाना बना ले।
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते; जो मिल गया उसे खोया नहीं करते; हासिल उन्हें ही होती है सफलता; जो वक़्त और हालात पर रोया नहीं करते।
ज़िंदगी चाहे एक दिन की हो या चाहे चार दिन की, उसे ऐसे जियो जैसे कि ज़िंदगी तुम्हें नहीं मिली, ज़िंदगी को तुम मिले हो।
सीढ़ियाँ उनके लिए बनी हैं, जिन्हें छत पर जाना है, लेकिन जिनकी नज़र, आसमान पर हो उन्हें तो रास्ता ख़ुद बनाना है।
कागज़ अपनी किस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी क़ाबलियत से! किस्मत साथ दे या ना दे मगर क़ाबलियत ज़रूर साथ देगी।