आपकी हँसी हमें बहुत प्यारी लगती है, आपकी हर खुशी हमें हमारी लगती है, कभी दूर ना करना खुद से हमें, आपकी दोस्ती जान से प्यारी लगती है।
दोस्ती ना कभी इम्तिहान लेती है, दोस्ती ना कभी इम्तिहान देती है, दोस्ती तो वो है... जो बारिश में भीगे हुए चेहरे पर भी आँसुओं को पहचान लेती है!
कुछ भी कहो राक्षस जाती हँसमुख बहुत थी! हर बात बोलने के बाद हँसते ज़रूर थे! ऐसे ही मेरे दोस्त करते हैं! राक्षस ही हैं वो भी!