इस जवानी से अच्छा तो बचपन था जब दर्द होता वहीं रो देते SHARE FacebookTwitter इस जवानी से अच्छा तो बचपन था जब दर्द होता वहीं रो देते, आजकल तो रोने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है! SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message