एक हिन्दू परिवार गाङी में जा रहा था।कुछ आतंकवादियों ने गाङी को रोका। एक आतंकवादी ने परिवार के मुखिया कि कनपटी पे बंदूक रखी और कहा "तुम्हारी ज़ात क्या है ? हिन्दू बोला ..."मुसलमान" आतंकवादी ने कहा- कुरआन कि कोई आयत सुनाओ हिन्दू ने आयत सुना दी आतंकवादी ने कहा - अब तुम जा सकते हो जब वो परिवार वहां से निकला तो हिन्दू से उसकी पत्नी ने कहा -आपने तो गीता की चोपाई सुनाई थी फिर उसने हमें कैसे छोङा हिन्दू ने कहा - अगर ये कुरआन पढ लेता तो आतंकवादी नहीं होता......
वृद्धाश्रम में माँ को छोड़कर वो पलटा ही था की.... माँ ने आवाज़ देकर बुलाया... बेटा अपने मन में किसी प्रकार का बोझ मत रखना.. तुझे पाने के लिए दो बेटियो की भ्रूण हत्या की थी... सजा तो मिलनी ही थी...
छोठी सी पंक्तियों में बहुत गहरा संदेश " पावँ सूखे हुऐ पत्तों पर अदब से रखना........ धुप में मांगी थी तुमने पनाह इनसे कभी......"
हमेशा इन ब्रान्डेड चीजो का ही ईस्तमाल करे.... 1. होठों के लिये " सच " 2. आवाज के लिये " दुआ" 3. आंखो के लिये " रेहम" 4. हाथों के लिये " सदका " 5. दिल के लिये "मोहब्बत" 6. चहेरे के लिये " हँसी " ओर 7. बड़ा बनने के लिये "माफी|
तमन्ना ने जिंदगी के आँचल में सर रख कर पूछा - "मै कब पूरी होउंगी?" जिंदगी ने हँसकर कहा- "जो पूरी हो जाये वोह तमन्ना ही क्या!"