ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है; जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये; ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे; सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।
देखो तो ख्वाब है ज़िन्दगी; पढ़ो तो किताब है ज़िन्दगी; सुनो तो ज्ञान है ज़िन्दगी; पर हमें लगता है कि हँसते रहो तो आसान है ज़िन्दगी।
ज़िंदगी तो सभी के लिए एक रंगीन किताब है; फर्क बस इतना है कि कोई हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है; और कोई दिल रखने के लिए पन्ने पलट रहा है।
फूल बनकर मुस्कुराना है ज़िंदगी; मुस्कुराते हुए सब ग़म भुलाना है ज़िंदगी; जीत का जश्न तो हर कोई मना लेता है; हार कर खुशियां मनाना भी है ज़िंदगी।
ज़िंदगी में कभी उदास मत होना; कभी किसी बात पर निराश ना होना; ज़िंदगी है संघर्ष चलती ही रहेगी; कभी हार कर अपने जीने का अंदाज़ मत खोना।
कोई खुशियों की चाह में रोया; कोई दुखों की पनाह में रोया; अजीब सिलसिला है ये ज़िंदगी का; कोई भरोसे के लिए रोया, कोई भरोसा करके रोया।
वक़्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं; वक़्त वक़्त पे रिश्तों के अंदाज़ बदल जाते हैं; कभी कह दिया अपना तो कभी कर दिया पराया; दिन और रात की तरह ज़िंदगी के एहसास बदल जाते हैं।
ज़िंदगी पल-पल ढलती है; जैसे रेत बंद मुट्ठी से फिसलती है; शिकवे कितने भी हो हर पल; फिर भी हँसते रहना; क्योंकि ये ज़न्दगी जैसी भी है, बस एक बार ही मिलती है।
ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी है; वक़्त को मरहम बनाना सीख लो; हारना तो है मौत के सामने एक दिन; फ़िलहाल ज़िंदगी से जीतना सीख लो।
जब ज़िंदगी हंसाये तो समझना कि अच्छे कर्मों का फल मिल रहा है; और जब ज़िंदगी रुलाये तो समझ लेना कि अच्छे कर्म करने का वक़्त आ गया है।
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का; एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का; बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते; यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।
ज़िंदगी जब भी आपको रुलाने लगे; आप इतना मुस्कुराओ कि दर्द भी शर्माने लगे; निकले ना आँसू आँखों से आप के कभी; किस्मत भी मज़बूर होकर आपको हँसाने लगे।