दिन की शुरआत में हमें लगता है कि ज़िन्दगी में पैसा बहुत ज़रूरी है पर दिन ढलने पर हमें पता चलता है कि ज़िन्दगी में शांति और सुकून अधिक ज़रूरी है।
पीपल के पत्तों जैसे ना बनो, जो वक़्त आने पर सूख कर गिर जाते हैं, बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो जो खुद पिस कर भी दूसरों की ज़िन्दगी में रंग भर जाते हैं।
इस तरह ना कमाओ कि पाप हो जाये, इस तरह ना खर्च करो कि क़र्ज़ हो जाये, इस तरह ना खाओ कि मर्ज़ हो जाये, इस तरह ना बोलो कि क्लेश हो जाये, इस तरह ना चलो कि देर हो जाये, इस तरह ना सोचो कि चिंता हो जाये।
जीवन के लिए शानदार नज़रिया: लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं - अगर यह भी हम सोचेंगे तो लोग क्या सोचेंगे।
जब अपने लिए दुआ करो तो दूसरों को भी याद किया करो; क्या पता, किसी के नसीब की खुशी आपकी दुआ के इंतज़ार में हो।
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मारने से नहीं चूकती। इसलिए होशियार रहें क्योंकि बहुत मीठा बोलने वाले भी "हनी" नहीं "हानि" दे सकते हैं।
किसी की दृष्टि खराब हो जाये तो उसका उपचार संभव है; किन्तु अगर दृष्टिकोण ही खराब हो जाये तो उसका उपचार संभव नही।