'समय' और 'समझ' दोनों एक साथ खुशकिस्मत लोगों को ही मिलते हैं! क्योंकि अक्सर 'समय' पर 'समझ' नहीं आती और 'समझ' आने पर 'समय' निकल जाता है!
कमाई की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती है! अनुभव, रिश्ते, मान सम्मान और अच्छे मित्र सभी कमाई के रूप है! सुप्रभात!
कल का दिन किसने देखा है, आज का दिन भी खोये क्यों; जिन घड़ियों में हँस सकते हैं, उन घड़ियों में फिर रोये क्यों!
किसी भी क्लास में नहीं पढ़ाया जाता कि हमें कैसे बोलना चाहिए! लेकिन जैसे हम बोलते हैं वहीँ से पता चल जाता है कि हम किस क्लास के हैं!
सब कुछ महंगा हो गया लेकिन माचिस आज भी एक रूपये पर रुकी हुई है! क्योंकि आग लगाने वाले की कभी कीमत नहीं बढ़ती!