पत्नी: तुम्हें नहीं लगता जरा सी समझदारी से तालाक़ के मामले रोके जा सकते हैं। पति: तुम्हें नहीं लगता जरा सी समझदारी से शादी भी तो रोकी जा सकती थी।
पत्नी: कॉलेज के बारे में तुम्हारा कोई बुरा अनुभव है? पति: हाँ! तुम्हारी और मेरी पहली मुलाक़ात कॉलेज में ही हुई थी।
कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे; हर सपना टूट जाता है हक़ीकत के आगे; जिसने कभी झुकना सीखा नहीं दुनिया में; वो भी झुक जाता है 'बेगम' के आगे!
पति: सुनो जी क्या तुम मेरी ज़िन्दगी का चाँद बनोगी? पत्नी: हाँ हाँ जानू क्यों नहीं। पति: तो ठीक है 9,955,887.6 किलोमीटर दूर रहा करो।
पति: यह कैसा खाना बनाया है बिल्कुल गोबर जैसा स्वाद है। पत्नी: हे भगवान् इस कमबख्त आदमी ने क्या-क्या चखा हुआ है।
कान के पर्दे को ध्वस्त करके पत्नी अपनी सहेलियों से जब यह कहती है कि "मैं तो इनको कुछ भी नहीं बोलती"; उस वक्त उसकी मासूमीयत पर मर जाने को जी चाहता है।
बेईज्ज़ती और बीवी अजीब चीज़ होती है; ज़रा गौर से फरमायें; बेईज्ज़ती और बीवी अजीब चीज़ होती है; अच्छी तभी लगती है जब दूसरे की होती है!
अपने प्रिय पति द्वारा सभी पत्नियों को समर्पित, "सिलसिला" से मशहूर लाइनों का एक नया संस्करण। "मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं, तुम होती तो ऐसा होता, तुम होती तो वैसा होता, और तुम ना होती तो पैसा होता!"
पति के जन्मदिन पर पत्नी ने पूछा, क्या गिफ्ट दूँ? पति: तुम मुझे प्यार करो, इज्ज़त करो और मेरा कहना मानो, यही काफ़ी है। पत्नी: नहीं मैं तो 'गिफ्ट' ही दूंगी।
पति: रात को मैंने एक डरावनी फिल्म देखी एक चुड़ैल कभी मेरे आगे कभी मेरे पीछे और कभी साथ चल रही थी। पत्नी: कौन सी फिल्म थी? पति: अपनी शादी की।
क्या मोह है; अपना बच्चा रोये तो दिल में दर्द होता है, दूसरे का बच्चा रोये तो सिर में दर्द होता है। और अपनी बीवी रोये तो सिर में दर्द होता है और अगर दूसरे की रोये तो दिल में दर्द होता है।