एक बार संता ट्रेन में सफ़र कर रहा था। ट्रेन में बहुत भीड़ होने के कारण पप्पू एक गंजे आदमी की सीट पर बैठ गया। आदमी झुंझला कर बोला, "हाँ-हाँ, मेरे सिर पर आ कर बैठ जा।" संता: नहीं अंकल मैं यहीं ठीक हूँ, वहाँ से फिसलने का डर है!
एक ट्रक दूसरे ट्रक को रस्सी से खीँच रहा था। यह देखकर संता हंसते हुए बोला, कमाल है एक रस्सी का टुकड़ा ऊठाऩे के लिए दो ट्रक!
संता को मुगलों ने पकड़ लिया और उसे अकबर के पास ले गए.... अकबर: इसको बंदी बना दिया जाए... संता: नहीं नहीं जहाँपनाह ! रहम !!! मुझे बंदा ही रहने दो...
संता और बंता एक बुजुर्ग की मृत्यु पर शोकसभा में गये वहां पर एक लड़की संता के गले लग कर रोने लगी। यह देखकर बंता बोला - इधर मेरे पास आ जाओ, रिश्ते में ये मेरे भी वही लगते हैं जो संता के।
संता: मुझे शादी में bmw मिली है। बंता: पर तुम्हारे पास तो कोई कार नहीं है। संता: अबे गधे, bmw का मतलब ‘बहुत मोटी वाइफ’।
संता बंता से - 20 सालों में, आज पहली बार अलार्म से सुबह सुबह मेरी नींद खुल गई। बंता - क्यों, क्या तुम्हें अलार्म सुनाई नहीं देता था? संता - नहीं आज सुबह मुझे जगाने के लिए मेरी बीवी ने अलार्म घड़ी फेंक कर सिर पर मारी।
संता :-- कौन सी कास्ट ( जाति ) के लोग अच्छे नागरिक होते हैं ? बंता :-- बनिए ……! संता :-- वो कैसे..?.. बंता :-- हर जगह लिखा होता है, देश के अच्छे नागरिक "बनिए" ! देशभक्त "बनिए"
संता बड़ी देर से अपने कमरे में कुछ ढूंढ़ रहा था, परेशान होकर उसकी पत्नी जीतो बोली जीतो-तुम इतनी देर से क्या ढूंढ़ रहे हो? संता- हिडन कैमरा! जीतो- तुम्हें ऐसा क्यों लगा इस कमरे में हिडन कैमरा लगा है? संता- अगर यहां हिडन कैमरा नहीं लगा होता तो टी.वी. में आ रहे इस आदमी को कैसे पता होता कि हम स्टार प्लस देख रहे हैं, बार-बार यह आप देख रहे हैं स्टार प्लस क्यों बोल रहा है?
एक दरवाजे पर एक घंटी लगी हुई थी, जिस पर लिखा था, 'डॉक्टर के लिए घंटी बजाइए।' आधी रात को संता शराब में टुन्न उधर से निकला, उसने घंटी देखी, फिर ऊपर लिखी लाइन पढ़ी और फिर घंटी बजाने लगा। थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और आँखें मलता हुआ एक आदमी बाहर निकला। संता ने पूछा,"आप डॉक्टर हैं?" डॉक्टर: हाँ। संता: यह घंटी आप खुद नहीं बजा सकते?
संता लंगड़ाता हुआ जा रहा था और उसके कपड़े फटे हुए थे। बंता ने पूछा: क्या हुआ भाई? यह हालत कैसे हुई तुम्हारी? संता: क्या बताऊं यार, बीवी को मुझे पिटवाने की नई तरकीब सूझी थी। बंता: कैसी तरकीब? संता: बीवी ने मुझे झाड़ू खरीदने भेजा था, मैं वापिस आ रहा था, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुझे 'आप' का कार्यकर्ता समझ लिया!
संता: मैं दुनियां के सारे अस्पतालों में हो कर आ चूका हूँ। बंता: नहीं, तुम अभी तक एक अस्पताल में हो कर नहीं आए होगे। संता: हो ही नहीं सकता, तुम उस अस्पताल का नाम बताओ। बंता: जनाना अस्पताल। संता: अरे यार, वहाँ तो मैं पैदा ही हुआ था।
संता एग्जाम देने गया तो अपने साथ प्लंबर को भी ले गया। . क्यों? . . . . . . . . . . . क्योंकि उसे खबर मिली थी कि पेपर लीक हो गया है!