पठान के ट्रक के पीछे लिखा था, "छोटा परिवार सुखी परिवार"। और सबसे नीछे लिखा था, सलीम, अब्दुल, शोएब, सलमान, फातिमा, जोया, शबनम और शेह्नाज़ के अब्बू की गाड़ी।
पठान अपने निकाह के बाद अपनी बेगम से बोला, "आज से तुम ही मेरी जीनत हो, तबसुम हो, तमन्ना हो"। सलमा ने जवाब दिया, "मेरे लिए भी आज से आप ही नावेद, समीर, हबीब, मुजीद, जिब्रन, खलील, नौशाद और हनीफ़ लंगड़ा भी हो"।
पठान: अम्मी हम बड़ा होकर एयरफोर्स में जायेगा। अम्मी: बेटा मुझे कैसे पता चलेगा कि ये मेरे बेटे का जहाज़ है? पठान: हम गुजरते वक्त घर पे बम फेंक देगा।
पठान: लाइट नहीं है तो कमबख्त पंखा तो चला दो। सलमा: आखिर पठान ही हो ना, अक्ल तो है नहीं पंखा चला दिया तो मोमबत्ती बुझ जायेगी।
पठान से किसी ने मस्जिद के लिए चन्दा माँगा तो पठान ने तुरंत 10 हजार का चेक दे दिया। आदमी बोला, "इस पर हस्ताक्षर (signature) तो करो।" पठान: हम नेक काम में अपना नाम जाहिर नहीं करता।
5 पठान एक गाय को तीसरी मंजिल पर ले जा रहे थे। आदमी: ऊपर क्यों ले जा रहे हो? पठान: हम इसको हलाल करेगी। आदमी: मगर ऊपर क्यों? पठान: यारा हमारा छूरी ऊपर पड़ा है।
सलमा: इस साल के रोजे रखोगे? पठान: नहीं। सलमा: और तरावी पढ़ोगे? पठान: मुश्किल है। सलमा: अफ्तारी करोगे? पठान: हाँ, इतना भी काफिर नहीं हूँ।
पर्यटक: ये किसका कंकाल है? पठान: ये टीपू सुल्तान का कंकाल है। पर्यटक: और ये बगल वाला छोटा सा कंकाल किसका है? पठान: ये भी टीपू सुल्तान का कंकाल है, जब वो छोटा बच्चा था।
जज़: तुमने समाज के लिए कौन सा भला काम किया है? पठान (मुजरिम): हमने लाखों लोगों को नौकरी दी है? जज: वो कैसे? पठान: हमारा कारण ही पुलिस और अदालत में लाखों लोग नौकरी करती है।
दोस्त: तुम्हारे अब्बू कितने साल के हैं? पठान: जितने साल के हम हैं? दोस्त: वो कैसे? पठान: ओ यारा जिस दिन हम पैदा हुआ उसी दिन तो वो अब्बू बना।
पठान: यह मेरे अब्बू के एक दोस्त करीम खान की कब्र है, इनके पास जो कुछ भी था वह सब अनाथ आश्रम को दे दिया गया। दोस्त: वैसे अनाथ आश्रम को क्या-क्या दिया? पठान: चार बेटे, और दो बेटी।
जज: तुमने झूठ बोलने की कोशिश की है, तुम्हें इसकी भी सजा मिलेगी। पठान: बिल्कुल गलत! वकील के होते हुए मुझे क्या जरुरत है झूठ बोलने की ।