mohabbat shayari

2 Line Shayari, Teri mohabbat per mera

तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू

काश तू बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे.
जब मैं रूठूँ तो तू मुझे मना ले…

बस रिश्ता ही तो टूटा है
मोहब्बत तो आज भी हमे उनसे है…

रंज़िश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ.
आ फिरसे मुझे छोड़के जानेके लिए आ

मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो.
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है

कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरजस्ती नहीं होती

दीवानगी मे कुछ एसा कर जाएंगे.
महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे।

तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे

बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!

यू तो खुश है, जमाना मेरी शोहरत से.
मगर कुछ लोग हैं, जिनका दम निकलता हैं

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