साँस रोक कर तुझे छूने की कवायद, और हल्का सा छू कर ख़ुशी खुशी लौट आना, जैसे सारा जहाँ जीत लिया . . . . . . . . . . . . . रोमांटिक शायरी नही है, कब्बडी की परिभाषा है। फिर से पढों समझ आएगा, मोहब्बत के मरीज़ो।
पठान ने रोमांटिक कविता में लड़की को प्रपोज किया। कुत्ता मर गया रजाई में; मैं पागल हूँ तेरी जुदाई में; पानी में मच्छर तैर नहीं सकता; पठान तेरे बिन रह नहीं सकता।