ना कजरे की धार ना मोतियों के हार, ना कोई किया श्रृंगार फ़िर भी कितनी सुंदर हो। ये गाना किसी कंजूस प्रेमी ने ही लिखा होगा बीवी के मेकअप के खर्चे को बचाने के लिये।
जब संता ने प्यार में धोखा खाया तो बंता ने उससे पूछा, "अबे तुमने उसमें क्या देखा?" संता: उसकी एक आंख इतनी सुंदर थी कि उसकी दूसरी आँख भी उसी को देख रही थी!