अच्छी बातें तो सभी को अच्छी लगती है। लेकिन जब तुम्हे किसी की बुरी बात भी अच्छी लगने लग जाए तो समझ लो तुम्हे प्यार . . . . . . . . . नहीं बल्कि बेइज़्ज़ती सहने की आदत हो गयी है।
अगर तुम उसे ना पा सको, जिसे तुम प्यार करते हो तो... . . . . . . . शर्म करो, लाओ नंबर मुझे दो। मैं कोशिश करता हूँ।
दिग्विजय: अमृता, आखिर तुमने मुझमे क्या देख कर प्यार किया? अमृता: एक तो आपकी इनकम और दूसरे आपके दिन कम!
राम ने धनुष तोडा सीता प्यार से आयी, कृष्णा ने बांसुरी बजाई, राधा दौड़ी-दौड़ी आयी, हमने तो सिर्फ सीटी मारी, वो पगली अपने बाप को बुला लायी।