संता: डॉक्टर साहब जोड़ों में दर्द रहता है, क्या करूँ? डॉक्टर: जोड़े तो भगवान बनाता है पगले, इसमें हम डॉक्टर क्या कर सकते हैं?
संता बालकनी में खड़ा मस्ती में गा रहा था,"पंछी बनूं, उड़ता फिरूं मस्त गगन में, आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में"। तभी रसोई में से जीतो की आवाज आई, "घर में ही उड़ो, सामने वाली मायके गई है।"
बंता: परिवर्तन की क्या परिभाषा है? संता (शायराना अंदाज़ में): जो कभी बादलों की गरज से डर कर लिपट जाती थी मुझसे, आज वह खुद बादलों से भी ज्यादा गरजती है। ~ पत्नियों को समर्पित
संता: देखो एक महान लेखक ने कहा है, 'पति को भी घर के मामले में बोलने का हक़ होना चाहिए'। जीतो: देखो, वो बेचारा भी सिर्फ लिख पाया, कह नहीं।
आदमी सब से ज्यादा चालाक तब बन जाता है जब उसे 1000/- का नकली नोट चलाना हो और सब से ज्यादा भोला तब बनता है जब... . . . . . . . वो ऐसा करते पकड़ा जाए।