संता बंता से: मैं तो अपने सारे दोस्तों को भूल ही गया था, पर एक फ़िल्म देखी तो सब याद आ गए। बंता: कौन सी फ़िल्म? संता: 'कमीने'।
संता ने बंता से कहा: मैं अमेरिका जाने की सोच रहा हूँ। बंता : बहुत बढ़िया। भला कितना खर्च हो जाएगा? संता: एक पैसा भी नहीं। भला सोचने में पैसा कहाँ खर्च होता है।
एक दिन संता ने बंता से कहा कि क्या कर रहे हो? तो बंता ने कहा: "कुछ नहीं"। तब संता ने कहा: "साले, कुछ तो कर लिया कर"।
बंता: आप एक मैसेज दो-दो बार क्यों भेजते हो? संता: कर दी न पागलों वाली बात, ओये एक तू रख लिया कर और एक आगे भेज दिया कर। बंता: तब तो आप तीन बार मैसेज किया करो। संता: वो क्यों? बंता: एक डिलीट भी तो करना होता है!
संता कढ़ी चावल खा रहा था। तभी एक मक्खी कढ़ी चावल पर आकर बैठ गई। संता: अरे कितनी भोली है तू। ये वो नहीं है जो तू समझ रही है। चल उड़ यहाँ से।
बंता: यार तुम्हारा बेटा बहुत बिगड़ गया है। गंदी-गंदी गालियां बकता है। संता: अभी उसकी उम्र ही क्या है? जरा बड़ा होने दो, फिर अच्छी-अच्छी गालियां बकेगा।