पप्पू: पापा घर में मेहमान आए हैं और शरबत बनाने के लिए नींबू नहीं है, अब क्या करूँ? संता: अबे, डरता क्यों है? नए विम बार में 100 नींबू की शक्ति है, डाल दे 2 बूँद!
संता (पप्पू से बोला): पप्पू, एक अच्छा शीशा लेकर आओ जिसमें मेरा चेहरा दिखाई दे। पप्पू: पापा! अभी-अभी मैं सब दुकानों पर देखकर आया, सबमें मेरा चेहरा ही दिख रहा था।
जीतो, पप्पू को पीट रही थी। संता: क्यों पीट रही हो पप्पू को? जीतो: स्कूल में जन्माष्टमी के उपलक्ष में 'राधा' विषय पर निबंध लिखने को कहा गया था। संता: तो फिर? जीतो: कमबख्त ने 'राधे माँ' पर निबंध लिख डाला।
बंता: परिवर्तन की क्या परिभाषा है? संता (शायराना अंदाज़ में): जो कभी बादलों की गरज से डर कर लिपट जाती थी मुझसे, आज वह खुद बादलों से भी ज्यादा गरजती है। ~ पत्नियों को समर्पित
संता: अगर मेरी लॉटरी निकल आये तो तू क्या करेगी! जीतो: मैं आधे पैसे लेकर तुम्हें छोड़ दूंगी! संता: मेरी 100 रुपये की लॉटरी निकली है, ये ले 50 रुपये और दफा हो!