पत्नी: शादी के शुरू में आप खाना खुद कम और मुझे ज्यादा खिलाते थे पर अब ऐसा क्यों नहीं करते? पति: क्योंकि, अब तुम्हें खाना बनाना आ गया है।
पति: मैं बड़ा बेवकूफ था, जब मैंने तुमसे शादी की। पत्नी: मैं यह जानती थी, मगर समझती थी कि शायद तुम सुधर जाओगे!
पत्नी ने अपने पति से कहा: तुम मुझे पहले जैसा प्यार नहीं करते। शादी से पहले तो तुम पड़ोस की छत से कूदकर मुझसे मिलने आते थे। पति: अब सोचता हूँ कि उसी छत से कूद जाऊं।
पठान का निकाह हो रहा था। मौलवी: किसी को इस शादी से एतराज़ है? . . . एक आवाज़ आई `हाँ मुझे है।` . . . मौलवी बोला: अमा यार, तुम चुप रहो। तुम दुल्हे हो, तुम्हे तो जिंदगी भर रहेगा।
शादी की सालगिरह पर पत्नी को गुलाब देते हुए पति बोला, "सालगिरह मुबारक हो!" पत्नी: यह नहीं मुझे कोई सोने की चीज़ चाहिए। पति: ओ, यह लो तकिया आराम से सो जाओ।