मिर्ज़ा ग़ालिब भी क्या खूब कह गये हैं: जल्द बाज़ी में शादी करके सारा जीवन बिगाड़ लोगे; और सोच समझकर करोगे तो भी कौन सा 'तीर' मार लोगे।
अब कितनो का नाम लें अपनी बर्बादी में; क्योंकि... . . . . . . . . . . बहुत से लोग आये थे हमारी शादी में।
आपके अंदर का जानवर एक समय के बाद ही बाहर आता है। जैसे शादी के बाद ही पता चलता है कि आप कौन हो . . . . . . . . . . शेर या चूहा।
कोयल ने कौवे से पूछा, "अभी तक शादी क्यों नहीं की?" कौवा: बिना शादी के ही जिंदगी में इतनी काँव-काँव हैं तो शादी के बाद कितनी होगी!