हर बारिश में यही दुआ है हमारी; बारिश के जितने क़तरे ज़मीन पर गिरें; उतनी बार आप फिसल के गिरें; . .. ... खुशियों के समंदर में।
जब बारिश हो तो बाहर बैठा करो, तुम्हारी किस्मत खुल जाएगी। किस्मत न भी खुली तो क्या हुआ, कम से कम . . . . . . तुम्हारी शक्ल ही धुल जाएगी।
अध्यापिका: ये बताओ बारिश के साथ बिजली क्यों चमकती है? पप्पू: जी इससे पता चलता है कि कौन-कौन सी जगह सूखी रह गई है।
बारिश और बीवी में अंतर और समानता बताईये? समानता: दोनों कभी भी बरस सकती है। . . . . . . . . अंतर: बारिश से बचा जा सकता है।