संता: मुझे बहुत चिंता हो रही है यार, बारिश शुरू हो गयी है और मेरी पत्नी बाजार गयी हुई है। बंता: चिंता की क्या बात है? वो किसी दुकान पे रुक जायेगी। संता: इसी बात की तो चिंता है कि वो किसी दुकान पे न रुक जाये।