पप्पू अपने पिता संता से: पापा मुझे मोटरसाइकिल लेकर दो। संता: भगवान जी ने दो टांगें किस लिए दी हैं? पप्पू: एक टांग किक मारने के लिए और दूसरी गियर डालने के लिए।
पप्पू: पापा, आप इंजीनियर कैसे बने? संता: उसके लिए बहुत दिमाग की जरुरत पड़ती है। पप्पू: इसीलिए तो पूछ रहा हूँ क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आप कैसे इंजीनियर बने?
पप्पू: पापा, दारु न पिया करो। संता: बेटा, पी लेने दे साथ और क्या ले जाना है। पप्पू: अगर इसी तरह पीते रहे तो छोड़ के भी कुछ नहीं जाओगे।
संता (पप्पू से): बेटा, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी परीक्षा की तैयारी करने में मदद कर सकता हूँ। पप्पू: नहीं शुक्रिया पापा, आप मेहनत मत करें, मैं अपने आप फेल हो जाऊंगा।
पप्पू: पापा, सूरज, धरती से कितनी दूर है? संता: मुझे नहीं पता। पप्पू: आप की इसी नासमझी की सज़ा मुझे कल स्कूल में मिलेगी।
एक दिन संता, पप्पू को समझा रहा था। संता: बेटा मेहनत किया कर, मेहनत करने से कोई मर नहीं जाता। पप्पू: इसीलिए तो मैं मेहनत नहीं करता पापा। असली मजा तो उसी काम में है जिसमें जान का खतरा हो।