संता और बंता एक शादी में गये! संता: लो, कुछ दिन पहले ही गोद में खेला करती थी और आज इसकी शादी है! बंता: क्या आप दुल्हन के बाप हो? संता: नहीं, दुल्हन का बॉस हूँ!
जीतो (ग़ुस्से में): तुम्हारे दिमाग में तो सिर्फ 'गोबर' ही भरा है! संता (प्यार से): तो फिर इतनी देर से 'चाट' क्यों रही हो?
जीतो: रात को मोबाइल चार्जिंग पर न लगाओ, ब्लास्ट हो सकता है! संता: ओये, तु चैन से सोजा और मुझे इतना भी बेवकूफ न समझ; मैंने बैट्री निकाल दी है!
जब संता ने प्यार में धोखा खाया तो बंता ने उससे पूछा, "अबे तुमने उसमें क्या देखा?" संता: उसकी एक आंख इतनी सुंदर थी कि उसकी दूसरी आँख भी उसी को देख रही थी!
भिखारी: क्या बात है साहब, पहले आप सौ रुपये देते थे, बाद में पचास, फिर पच्चीस, अब सिर्फ दस देते हैं? संता: पहले मैं कुंवारा था, तो मैं सौ देता था! फिर मेरी शादी हो गयी, तो पचास; एक बच्चा हो गया तो पच्चीस; अब दो बच्चे हैं तो दस देता हूं! भिखरी: वाह साहब, आपके पूरे परिवार का खर्चा तो मेरे पैसों से चल रहा है!
संता: तुमसे शादी करके मुझे एक बहुत बड़ा फायदा हुआ है! जीतो: वो क्या? संता: मुझे मेरे गुनाहों की 'सज़ा' जीते जी मिल रही है!