आईने के सौ टुकड़े करके हमने देखे हैं... . . . . . . . फिर मम्मी से पिटाई खा कर उनको समेट के भी फेंके हैं।
शादीशुदा इंसान की लोटरी भी लग जाए तो इतनी ख़ुशी नहीं होती जितनी... पत्नी के फेंके चमच और बेलन के टकराकर वापस उसी के लग जाने पर होती है!