बीवी: अगर तुम मुझे छोड़ने चलोगे, तो ही मैं मायके जाऊँगी। पति: हाँ, पर एक शर्त पर, मैं लेने आऊँगा, तो ही आओगी।
ग़लतफ़हमी की तो इंतहा तो देखो: पत्नी, पति से नाराज़ होकर बात नहीं कर रही और सोच रही है कि... . . . . . . . . पति को 'सज़ा' दे रही है।
पत्नी: अजी सुनते हो, ऊपर से वो बॉक्स उतार दो ना? मेरा हाथ छोटा पड़ रहा है तो पहुँच नहीं रहा। पति: तो अपनी जुबान Try करो ना। ढूम.. ढिशूम.. धड़ाम..
पति: सुनो इस बार गर्मियों की छुट्टियों में हम कहाँ चलें? पत्नी(रोमांटिक अंदाज़ में गुनगुनाते हुए): जहाँ ग़म भी ना हो। आंसू भी ना हो। बस प्यार ही प्यार पले। पति: ऐसा कैसे हो सकता है? तुम तो साथ चलोगी ही।
पति: अगर मैंने ज़िन्दगी में कभी तुम से झूठ बोला हो तो मैं अभी मर जाऊं। पत्नी: मैंने भी कभी आपसे झूठ बोला हो तो मैं भी विधवा हो जाऊं।