पति बालकनी में खड़ा मस्ती से गा रहा था, "पंछी बनूँ उड़ता फिरूँ मस्त गगन में, आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में"। तभी रसोई में से पत्नी की आवाज़ आई, 'घर में ही उड़ो। सामने वाली मायके गयी है।'
पति: चलो डार्लिंग डिनर पर चलते हैं। पत्नी: पर अभी तो लंच टाइम है। पति: अरे तुम्हारे तैयार होने तक डिनर टाइम हो जायेगा।
पत्नी: अगर मैं वक्त होती तो लोग मेरी कितनी कदर करते। पति: लोग तुम्हें देखकर डर जाते। पत्नी: क्यों? पति: लोग कहते कि `देखो, बुरा वक्त आ रहा है।'
पत्नी: Suppose करो, अगर मैं आपकी सब बात समझूँ और सारी बातें मानूँ तो? पति हँसते हँसते ज़मीन पर लोट-पोट हो जाता है और ख़ुशी से चिल्लाता है, "साला मुझसे तो Suppose भी नहीं हो रहा।"
पत्नी: अजी सुनते हो, ऊपर से वो बॉक्स उतार दो ना? मेरा हाथ छोटा पड़ रहा है तो पहुँच नहीं रहा। पति: तो अपनी जुबान Try करो ना। ढूम.. ढिशूम.. धड़ाम..