पठान (मरीज): डॉक्टर साहब मेरे पास इलाज के लिए पैसे नही हैं, आप मेरा इलाज कर दें तो शायद मैं भी कभी आपके काम आ सकता हूँ। डॉक्टर: तुम क्या काम करते हो? पठान: जी मैं कब्र खोदता हूँ।
पठान एक 'मज़ार' पे बम रखते हुए पकड़ा गया। उसे लोगों ने बहुत मारा और पूछा क्यों किया ऐसा? पठान बड़े प्यार से बोला, "मैंने बम रखने की मन्नत मानी थी"।
तीन लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई गयी जिसमे से एक पठान था। पहले को फांसी लगायी तो रस्सा ढ़ीला होने की वजाए, वह नीचे पानी मे जा गिरा। दुसरे को फांसी दी तो वह भी पानी में जा गिरा, पर बच गया। जब पठान की बारी आयी तो वो जल्लाद से बोला, "खोचा भा, यह रस्सा ठीक कर लो, मुझे तैरना नहीं आता"।
पठान डॉक्टर के पास जाकर बोला, "डॉक्टर साहब, मैं रोज 100 रुपये की दवाई ले रहा हूँ, पर कोई फायदा नहीं हो रहा"। डॉक्टर: अब तुम मुझसे 80 रुपये वाली दवाई ले जाओ, इससे तुम्हें रोज 20 रुपये का फायदा होगा।
बॉस अपने पठान कार्यकर्त्ता से, "आज तुम लेट क्यों आये? ऑफिस 9 बजे खुलता है फिर देर क्यों की?" पठान: मेरी जान इतनी फिकर मत किया करो, दोस्त शक करते हैं।
पठान: बेगम, आज 4 बजे कुत्तों की दौड़ है, मैंने वहां जाना है। सलमा: आप भी न बस। रहने दो, चला जाता नही बड़े आये दौड़ लगाने।