नौकर: मालिक कल रद्दी की टोकरी में दस-दस के दो नोट मिले थे। मालिक: मैंने ही उन्हें फेंका था वह असली नहीं हैं। नौकर: इसीलिए तो वापस कर रहा हूँ।
सरकारी नौकर के महीने गुजरते हैं दिन के अनुसार अलग-अलग अवस्थायें हैं: तारीख 1 से तारीख 10: गरम 11 से 20: नरम 21 से 30: बेशरम सरकारी नौकर की बिविओं के महीने गुजरते हैं दिन के अनुसार अलग-अलग अवस्थायें हैं: तारीख 1 से तारीख 10: चंद्रमुखी 11 से 20: सूर्यमुखी 21 से 30: ज्वालामुखी
पत्नी गुस्से मे पति महोदय पर बरसी: मै पूछती हूं कि ऐसा चोर नौकर क्यों रखा है? पति: क्यों, क्या बात हो गई? पत्नी: होना क्या था, आप परसों होटल से जो चांदी की प्लेट उठा लाए थे, वह इस ने गायब कर दी है।
संता: इतनी महंगाई के दौर में, परांठे पर इतना घी। क्या हो गया है तुम्हें? नौकर: माफ़ कीजिये साहब, गलती से मैंने अपना परांठा आपको दे दिया।
नौकर: साहब आपका कुत्ता तो बिल्कुल आदमी जैसा लगता है, क्या खिलाते हो इसे? संता: नालायक, वो कुत्ता नहीं मेरा बेटा है, इंजीनियरिंग कर रहा है, आज कल पेपर चल रहे हैं।