हसरत-ए-दीदार के लिये जब होइ हमारी तमन्ना; उसकी गली मे हमने मोबाईल की दुकान खोली; मत पूछो अब हालात-ए-बेबसी का, ऐ गालिब; के रोज़ एक नया शख्स उनके नम्बर पे रीचार्ज़ करवानें आता है।
पठान दुकान पर नया टीवी लेने गया। पठान: यह टीवी कितने का है? दुकानदार: 50,000/- पठान: इतना महंगा क्यों? दुकानदार: यह लाइट चले जाने के बाद अपने आप बंद हो जाता है। पठान: ओह तेरी, फिर तो यही दे दो।