बंता: ओये संता, तू इतनी धूप में क्यों खड़ा है? संता: कुछ नहीं यार, अंदर बहुत पसीना आ रहा था तो सोचा धूप में सुखा लेता हूँ।
संता किसी नेता के भाषण समारोह में गया। नेता: यह धरती मेरी माँ है। संता खड़ा हुआ और बोला, "तो अपनी माँ को संभाल कर रखो। यह सूरज के इर्द-गिर्द चक्कर लगाती रहती है।