पडोसी तिवारी जी के यहाँ मेहमान आये। उन्हें चारपाई की ज़रुरत पड़ी तो एक चारपाई माँगने गुप्ता जी के घर गये। गुप्ता जी ने असर्मथता जताते हुए कहा, "यार माफ़ करना, घर में सिर्फ दो चारपाई हैं, एक पर मैं और मेरा बेटा सोते हैं तथा दूसरी पर मेरी पत्नी और बहू।" तिवारी जी: यार चारपाई न दो, कोई बात नहीं, पर सोया तो ठीक से करो।
मिर्ज़ा ग़ालिब भी क्या खूब कह गये हैं: जल्दबाज़ी में शादी करके सारा जीवन बिगाड़ लोगे; और सोच समझकर करोगे तो भी कौन सा 'तीर' मार लोगे।
बंता: अरे भाई क्या हुआ? इतने मायूस क्यों हो? संता: क्या बताऊँ मैं तो बरबाद हो गया। बंता: क्यों क्या हुआ? संता: मेरे दादे को पुनर्जन्म में विश्वास था, कमबख्त अपनी जायदाद अपने ही नाम कर गये।
एक भैंस घबराई हुई जंगल मे भागी जा रही थी एक चूहे ने पूछा : क्या हुआ बहन कहाँ भागे जा रही हो? भैंस : जंगल मे पुलिस हाथी पकडने आई हें चूहा : पर तुम क्यों भाग रहीं हो तुम तो भेंस हो? भेंस : ये भारत हें भाई ! पकडे गये तो 20 साल तो अदालत मे ये सिद्ध करने मे ही लग जायेंगे कि “मैं हाथी नही भेंस हूँ ” “OMG” यह सुन भेंस के साथ चूहा भी भागने लगा