भगवान दुःख ना देना मेरे दोस्त को; चाहे मुझे सुखों का पहाड़ दे दे। नई साइकिल पर घूमे मेरा दोस्त; मुझे भले ही पुरानी BMW कार दे दे।
हवायें कहती है दोस्ती कर; फिजायें कहती हैं मस्ती कर; बहारें कहती हैं शादी कर; पर; घर वाले कहते हैं 'बकवास' बंद कर।
ख़ुशी को गम कैसे कह दें; आपकी दोस्ती को कम कैसे कह दें; ये तो सब कहते हैं आप पागल हो; लेकिन सच में हो हम ये कैसे कह दें।
सागर से गहरा कोई नहीं; पूजा पाठ से फलदायक कोई नहीं; अब आपकी क्या तारीफ़ करूँ; दोस्ती में आप जैसा नालायक कोई नहीं!
इतना खूबसूरत कैसे मुस्कुरा लेते हो; इतना कातिल कैसे शर्मा लेते हो; एक बात बताओ दोस्त, . . . . . . . . . बचपन से ही कमीने हो या सूरत ही ऐसी बना लेते हो?
आँसू तेरे निकले तो आँखें मेरी हों; दिल तेरा धड़के तो धड़कन मेरी हो; दोस्ती हमारी इतनी गहरी हो; . . . . . . सड़क पर तू पिटे और गलती मेरी हो।