टीचर: अगर तुम अपने दोस्त को 500 रूपए दो और उसको 200 की ज़रूरत हो तो वो कितने वापिस देगा? स्टूडेंट: कुछ भी नहीं। टीचर: क्या तुम्हें गणित नहीं आता? स्टूडेंट: सर, गणित तो आता है लेकिन आप उन कमीनों को नहीं जानते!
दोस्तो ज़िंदगी में जब कभी कदम लड़खड़ाये और गिर भी जाओ तो डरना मत, हिम्मत और हौंसले से खड़े हो कर आवाज़ देना, . . . . . वेटर साले... एक क्वार्टर और ला।
कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा; कोई सुनता नहीं खुदा के सिवा; मैंने भी जिंदगी को करीब से देखा है, ए दोस्त; गर्मी में कोई साथ नहीं देता... . . . . . बियर के सिवा। शुभ गर्मी!
तेरी ख़ामोशी और उदासी को हम समझ ना सके ऐ दोस्त; . . . . . . . वो तो शाम को तेरी मम्मी ने बताया कि आज तेरी चप्पल से पिटाई हुई है।
कोई दोस्त हो तुम जैसा, कोई चाहने वाला हो तुम जैसा; कोई दिल से प्यारा हो तुम जैसा; . . . . . . पता नहीं क्यों सब मुझे यही कहते रहते हैं।
आज कल की दुनिया में शरीफ, सच्चे और प्यारे दोस्त मिलना बहोत ही मुश्किल है। . . . . . . . . . मैं खुद हैरान हूँ कि तुम लोगों ने मुझे ढूढ़ कैसे लिया?