पठान उदासी से बोला, "मिस, मेरे अब्बू कहते हैं तुम जितना मर्ज़ी पढ़ लो, लेकिन तुम कभी वो नहीं बन सकते जो मैं चाहता हूँ"। अध्यापिका: तुम क्या बनना चाहते हो? पठान: लेडी डॉक्टर।
पठान का पेट खराब हो गया तो वह डॉक्टर के पास गया। वहां पर लोगों की मौजदगी में अपना हाल कुछ यूँ बताने लगा। डॉक्टर साहब सुबह से नेटवर्क खराब है। मिस्ड कॉल पे मिस्ड कॉल आ रही है। आउट गोइंग बिलकुल फ्री है। तरह तरह की रिंग टोन बज रही है। पेट में बैलेंस बिलकुल नहीं रहता। जितना भी लोड करो सब ख़तम।
पठान: डॉक्टर साहब, चश्मा लगा के हम अखबार पढ़ सकेगा न? डॉक्टर: हाँ, बिल्कुल। पठान: फिर ठीक है, वर्ना अनपढ़ की भी कोई जिंदगी है।
पठान के बेटे का एक्सीडेंट हो गया। डॉक्टर: आपके बेटे के पैर काटने पड़ेंगे। पठान ने अपना सिर पकड़ लिया। डॉक्टर: क्या हुआ? पठान: कल ही नालायक को नए जूते खरीद के दिये हैं।
पठान की सास बहुत बीमार हो गयी तो पठान उसे लेकर अस्पताल आ गया। डॉक्टर: इनकी बीमारी कुछ गंभीर है, पहले हम इनके कुछ टैस्ट ले लेते हैं। पठान: डॉक्टर साहब, अगर बीमारी गंभीर है तो टैस्ट आप मेरे ले लीजिये क्योंकि वैसे भी ये अनपढ़ हैं टैस्ट में फेल हो जायेंगी।
पठान ठेले वाले से खाने का सामान पैक करवा रहा था। ठेले वाला: खान साहब, यहीं खा लो। पठान: नहीं यार घर जाकर खाऊंगा, डॉक्टर ने कुछ भी बाहर खाने को मना किया है।