लडकियाँ हर मोड़ पे डरती हैं, अकेली हो तो सुनसान राहों का डर, भीड़ में हो तो लोगों का डर, हवा चले तो दुपट्टा उड़ने का डर, कोई देखे तो उसकी आँखों का डर, बचपन हो तो माँ बाप का डर, जवान हो तो भाइयों का डर, वो डरती हैं और तब तक डरती हैं, जब तक इन्हें कोई जीवन साथी नहीं मिल जाता, . . . और यही वो शख्स होता है, जिससे वो सबका बदला लेती हैं।