एक पंडित के पास एक तोता था। वह रोज़ एक अादमी को देखता और बोलता: ओए कुत्ते। एक दिन उस अादमी ने पंडित से तोते की शिकायत कर दी। पंडित ने तोते को बहुत मारा। अगले दिन जब तोते के करीब से वो अादमी गुज़रा तो तोता कुछ नहीं बोला। थोड़ा अागे जाकर अादमी ने मुड़कर देखा तो तोता हँसते हुए बोला: समझ तो तू गया ही होगा।
माँ बच्चों के लिए हमेशा समझौता कर लेती है हालात से... लेकिन सीरियल के टाइम रिमोट मांग ली तो मारती है उलटे हाथ से।
प्रीतो: जब भी मैं तुम्हारे पास आती हूं तो तुम चश्मा क्यों पहन लेते हो? बंता: डॉक्टर ने कहा था कि जब भी सिरदर्द आए चश्मा पहन लेना।
संता और बंता को आदिवासिओ ने पकड़ लिया और उन्हें अपने मुखिया के पास ले गये। मुखिया बोला, "इन सबको बंदी बना दो।" संता बहाना बनाते हुए बोला, "नहीं, मेरे को आप बंदा ही रहने दो।"
संता: डॉक्टर साहब मुझे बार-बार यही सपना दिखता है कि मेरे पास से होकर सुन्दर-सुन्दर लड़कियां तेजी से भाग रहीं हैं। डॉक्टर: उसमें मुझसे क्या चाहते हो? संता: आप ऐसी दवा दीजिए कि या तो उन लडकियों की रफ़्तार कुछ कम हो जाए या फिर मेरी रफ़्तार बढ़ जाए।