एडमिन ने ढाबा खोला.. ग्राहक – मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है | एडमिन – तो क्या करू? मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ |
“ऐडमिन आरती” जय एडमिन देवा जय एडमिन देवा । थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।। चोखी चोखी ज्ञान की बात्या खूब घणी बांचा धर्म करम की गंगा पाप का ना खांचा ।। डांट डपट फटकार स थारो नहीं नातों । जो कोई एकर आग्यो तो पाछो नहीं जातो।। बिना काम की चौधर थान सुहाव नहीं । थे क स्यो बिया होव साची थारी बही ।। या आरती एडमिन जी जो सदस्य गाता । उर आनद अति उमड़े मोज करत जाता ।। जय एडमिन देवा जय एडमिन देवा । थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।
मैं तो स्मार्ट फोन को उस दिन स्मार्ट मानूंगा, जब मैं चिल्लाऊंगा: कारे, हमाओ फोन काँ है..? और फोन आवाज लगायेगा: जे हैं दाउ हम, पल्ली के नेचे डरे हैं।
शादी के बाद बेड़रुम कैसे महकता है 3 साल तक- परफ्यूम चाकलेट स्ट्राबेरी ग्रेप्स 3 साल बाद- जानसन पावड़र जानसन क्रीम बेबी लोशन हगीस ड़ायपर 15 साल बाद- झंड़ू बाम विक्स आयोडेक्स मूव 40 साल बाद- अगरबत्ती धुप बत्ती
दामाद 14 दिनों से ससुराल में था. सास :- दामाद जी कब वापस जा रहे हो.. दामाद :- क्योँ सास :- बहुत दिन हो गये.. दामाद :- आपकी बेटी तो छ: छ: महीने मेरे यहाँ रहती है.. सास :- वो तो वहाँ ब्याही गयी है.. दामाद :- और मैं क्या यहाँ अपहरण करके लाया गया हूँ..
पहले वो मेरी गर्लफ्रेंड थी, मैं बोलता था और वो सुनती थी, फिर वो मेरी मंगेतर बनी, वो बोलती थी और मैं सुनता था, जब से वो मेरी बीवी बनी, हम दोनों बोलते हैं, और, मोहल्ला सुनता है!!