सिंधी: ओये तू वहां कोने में क्यों बैठा है? पठान: सर्दी बहुत है न इसलिए। सिंधी: सर्दी है तो कोने में क्या तापमान ज्यादा है? पठान: हाँ, तुम्हे नहीं पता कोना 90 डिग्री का होता है।
एक छोटा सा पर बहुत खतरनाक विचार जो ना जाने कितनों ही लड़कों की जिंदगी बर्बाद कर देता है। . . . . . . "यार, वो तुझे देख रही थी"।
दिन रात मुझे मेसेज कर-कर के ऐसा कर दिया तुम लोगों ने मुझे ज़ालिम; . .. ... घर की घंटी भी बजने पर मोबाइल उठा लेती हूँ!
जो मिल गया उसे मुकद्दर समझो; खुद को वक्त का सिकंदर समझो; क्यों डरते हो गम के तूफानों से; गम को केले का पेड़, और खुद को बन्दर समझो।
अर्ज़ है: इतने खुद्दार थे हम कि कभी स्कूल ना जाते थे ग़ालिब; वो तो लड़कियों के शौक-ए-दीदार ने हमें बैचलर बना दिया।