जीतो: पप्पू, ये क्या बना रहे हो? पप्पू: माँ, भगवान का चित्र! जीतो: लेकिन यह तो कोई नहीं जानता कि भगवान देखने में कैसे हैं? पप्पू: अब देखना, सबको मालुम हो जायेगा!
पप्पू: मामा, आपने गमले में जो पौधा लगाया था, वो अभी तक बढ़ा ही नहीं! जीतो: अच्छा, तुम्हें कैसे पता? पप्पू: क्योंकि मैं उसे रोज़ उखाड़कर देखता हूं!
जीतो: बेटा क्या कर रहे हो? पप्पू: पढ़ रहा हूं! जीतो: शाबाश! क्या पढ़ रहे हो? पप्पू: आपकी होने वाली बहू के मैसेज!
संता और जीतो की लड़ाई हो रही थी। उनका बेटा, पप्पू भी वहां मौजूद था। संता: तू साली कुत्ती। जीतो: तू साला कुत्ता। पप्पू मासूम आवाज में बोला, "मैं साला पप्पी"।
जीतो: जो मेरी बात मानेगा और मेरे आगे कुछ नहीं बोलेगा, मैं उसे इनाम दूँगी। पप्पू: लो जी, ऐसे तो सारे इनाम पापा ही ले जायेंगे।
पप्पू: मम्मी क्या आपने मुझे पैदा होने से पहले देखा था? जीतो: नहीं तो बेटा। पप्पू: तो फिर आपने पैदा होने के बाद पहचाना कैसे?