एडमिन ने ढाबा खोला.. ग्राहक – मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है | एडमिन – तो क्या करू? मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ |
गुंडा – चल “हफ्ता” निकाल एडमिन -“कैलेंडर फाड़ते हुए” ले भाई पूरा “महीना” ही रख ले हमारे एडमिन साहब की तो बात ही कुछ और है !!!